सपने भी बड़े कच्चे होते है,
जो आहट भर में टूट जाया करते है|
ये इश्क़ की तन्हाई है,
और मंज़र भी अजीब है|
जो मैंने सीखा था वो कुछ और था|
और ये अलग तहज़ीब है|
दिल की आग दिल में जलाता रहा|
पूछा बहुत सो ने मुझसे,
उनको अपनी गलती की सजा बताता रहा|
आंखो पर चश्मा या चश्मे पर नजर रखते हो
दिखते तो दिलदार हो क्या इश्क़ भी करते हो
Author: Narendra Ahirwar
आंखो पर चश्मा या चश्मे पर नजर रखते हो
दिखते तो दिलदार हो क्या इश्क़ भी करते हो
Author: Narendra Ahirwar
आंखो पर चश्मा या चश्मे पर नजर रखते हो
दिखते तो दिलदार हो क्या इश्क़ भी करते हो
Author: Narendra Ahirwar
आंखो पर चश्मा या चश्मे पर नजर रखते हो
दिखते तो दिलदार हो क्या इश्क़ भी करते हो
Author: Narendra Ahirwar
आंखो पर चश्मा या चश्मे पर नजर रखते हो
दिखते तो दिलदार हो क्या इश्क़ भी करते हो
Author: Narendra Ahirwar
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